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अखिलेश शुक्ल द्वारा 'हिन्दी चेतना' पत्रिका की समीक्षा

इ-समीक्षक, लेखक व साहित्यकार अखिलेश शुक्ल द्वारा 'हिन्दी चेतना' पत्रिका के जुलाई -सितम्बर अंक की समीक्षा पढ़ें |

हिंदी प्रचारिणी सभा कैनेड़ा द्वारा विगत 13 वर्ष से निरंतर प्रकाशित हो रही पत्रिका हिंदी चेतना अकेली ऐसी पत्रिका है जिसने दुनिया के हिंदीप्रेमियों को भारत से जोड़े रखने का अहम कार्य किया है। पत्रिका पाठकों को मोगरे की खुशबू, गेंदे की सुनहरी आभा, मक्के की रोटी और सरसों का साग तथा पलाश के सौन्दर्य से बांधे रखकर हिंदी साहित्यजगत में अहम स्थान हासिल कर चुकी है। अंक में प्रकाशित कहानियों में फरिश्ता(पंकज सुबीर), कच्चा गोश्त(ज़कीबा जुबेरी) तथा केतलीना(अर्चना पेन्यूल) में निहित खुशबू को इन रचनाओं को पढ़कर महसूस किया जा सकता है। पत्रिका की....
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